जैसा कि हिमाचल प्रदेश में लंपी रोग ने दस्तक दे दी है जिसके चलते आज पांवटा साहिब में व्यवस्था परिवर्तन मंच संयोजक सुनिल चौधरी की अगुवाई में गोवंश में अचानक लंपी महामारी को लेकर तहसीलदार के माध्यम से राज्यपाल व प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम जय राम ठाकुर को ज्ञापन सौंपा। व्यस्था परिवर्तन मंच संयोजक पांवटा साहिब सुनील चौधरी का अपने ज्ञापन में कहना है की गोवंश में लंपी महामारी एक तरफ से गोवंश के लिए कोरोना है।जिससे संपूर्ण देश में दहशत का माहौल बना हुआ है। जिसकी चपेट में कई पशु आ रहे है ।ज्ञापन के माध्यम से ने प्रदेश सरकार को अवगत करवाया कि इस ओर ध्यान दिया जाए और पशुओं को बचाने के लिए ठोस कदम उठाया जाए।

और साथ ही उन्होंने यह भी कहा की बताया कि लंपी महामारी के दवाइयों के नाम पर लूट मचाई जा रही है। महंगी दरों पर यह दवाइयां बेची जा रही है। 250 की दवाई 800 में बेची जा रही है।उन्होंने प्रशासन से इस पर भी संज्ञान लेने का आह्वान किया। इस दौरान इकाई के सदस्य और अन्य लोग मौजूद रहे।

लंपी स्किन बीमारी मुख्य रूप से गौवंश को प्रभावित करती है. देसी गौवंश की तुलना में संकर नस्ल के गौवंश में लंपी स्किन बीमारी के कारण मृत्यु दर अधिक है. इस बीमारी से पशुओं में मृत्यु दर 1 से 5 प्रतिशत तक है. रोग के लक्षणों में बुखार, दूध में कमी, त्वचा पर गांठें, नाक और आंखों से स्राव आदि शामिल हैं. रोग के प्रसार का मुख्य कारण मच्छर, मक्खी और परजीवी जैसे जीव हैं. इसके अतिरिक्त, इस बीमारी का प्रसार संक्रमित पशु के नाक से स्राव, दूषित फीड और पानी से भी हो सकता है

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