हिमाचल प्रदेश में स्क्रब टायफस के जनवरी से अबतक 582 मामले सामने आए हैं। अस्पतालों में लगातार स्क्रब टायफस मामले आने से पूरे प्रदेश में सरकार ने अलर्ट जारी किया है। चीफ मेडिकल ऑफिसर व सीनियर मेडिकल सुपरिटेंडेंट को सतर्क रहने को कहा है। साथ ही अस्पतालों में दवाइयों का सही तरह प्रबंध करने को कहा गया है।

डॉक्टरों का कहना है कि तेज बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, कंपकंपी के साथ बुखार, शरीर में ऐंठन इस बीमारी के लक्षण हैं। खेतों में काम करते समय पूरे शरीर को ढक कर रखें, शरीर की सफाई का ध्यान, घर के आसपास साफ सफाई और घास, खरपतवार न उगने दें। हिमाचल के डायरेक्टर ऑफ नेशनल हेल्थ मिशन के डायरेक्टर हेमराज बैरवा ने कहा कि बीमारी को जिला स्वास्थ्य अधिकारियों और अस्पताल प्रबंधन को अलर्ट किया गया है। इस बीमारी के कारण बीते दिन एक मरीज की मौत भी हो चुकी हैं इसलिए हम सबको सतर्क रहना चाहिए और खुद का बचाव करना चाहिए। स्क्रब टायफस रोग एक जीवाणु रिकेटशिया से संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है, जो खेतों, झाड़ियों और घास में रहने वाले चूहों के अलावा पशुओं में पनपता है।

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