हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में पेश आया 1.69 करोड़ रुपये के गबन का मामला गहरा गया है। ऐसे में सिरमौर पुलिस ने मामले की जाँच के लिए एसआईटी गठित कर दी है। यह एसआईटी डीएसपी मुख्यालय मीनाक्षी भारद्वाज के नेतृत्व में मामले की जाँच करेगी।

पुलिस ने आरोपों से घिरे पूर्व जिला कोषाधिकारी के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने जांच के घेरे में आए पूर्व जिला कोषाधिकारी और उनके परिवार के बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं। पुलिस ने संबंधित विभाग से कुछ अन्य दस्तावेज भी मांगें हैं, जिनके आधार पर जांच की जा सके।

गौरतलब है कि जिला सिरमौर के पूर्व कोषाधिकारी पर करोड़ों रुपये के गबन के आरोप का मामला सामने आया है। इसे लेकर सिरमौर जिले के पुलिस थाना नाहन में मामला दर्ज हुआ है। वर्तमान में आरोपी अधिकारी हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान शिमला में उप निदेशक के पद पर तैनात है।

पूर्व कोषाधिकारी आरोप लगा है कि अपने कार्यकाल के दौरान डीटीओ ने 1.69 करोड़ रूपये का गड़बड़झाला किया। उन्होंने पेंशनरों के वित्तीय लाभ को पेंशनरों के खाते में डालने की वजाय अपने परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में जमा करवाए।

वहीं, पुलिस अधीक्षक सिरमौर ओमापति जम्वाल ने बताया कि पुलिस ने जांच तेज कर दी है। मामला सामने आने के बाद उन्हें पद से निलंबित कर दिया है। इस मामले की जाँच के लिए डीएसपी मुख्यालय की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन कर दिया है। पूर्व कोषाधिकारी और उनके परिवार के सारे कहते फ्रीज कर दिए गए है।

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