उत्तरप्रदेश :-यूपी के लोगों का अब अपना घर बनाने का सपना अधूरा रहने वाला है, क्योंकि घर बनाने के लिए ईंट जरूरी है और प्रदेश के ईंट भट्ठे एक साल के लिए बंद होने वाले हैं. ईंटों पर जीएसटी बढ़ाए जाने से यूपी ब्रिक्स एसोसिएशन नाराज है. एसोसिएशन ने कोयले की कीमतों में 200 से 300 फीसदी की बढ़ोतरी और जीएसटी बढ़ाए जाने के बाद भट्टा संचालकों ने निर्माण बन्द करने का इरादा बना लिया है.
दरअसल, उत्तर प्रदेश को प्रतिवर्ष 12 लाख टन कोयला मिलना था, लेकिन पिछले चार सालों में महज 76 हजार टन कोयला मिला है. विदेश से आने वाला कोयला काफी महंगा हो गया है. इसके साथ ही यूपी ब्रिक्स एसोसिएशन की सरकारी और अर्ध सरकारी निर्माण में लाल ईंट की आंशिक पाबंदी पर भी नाराजगी है.दूसरी ओर निर्देशिका जारी कर दिया गया कि 20 हजार वर्ग फुट से अधिक के भवन निर्माण तथा सरकारी निर्माण कार्य में राख की बनी ईंट का प्रयोग अनिवार्य होगा.’ यही वजह है कि ब्रिक्स एसोसिएशन ने प्रदेश और देश में एक साल तक ईंट भट्ठे बंद कर हड़ताल का निर्णय लिया है.यूपी ब्रिक्स एसोसिएशन का कहना है कि कोयला का दाम 350 फीसदी तक बढ़ाया गया है, यहां तक कि श्रमिक संविदा पर 5 फीसदी से 12 फीसदी जीएसटी बढ़ाया गया है, 12 फीसदी जीएसटी बढ़ाया गया है, दूसरी ओर थर्मल पावर प्लांट के अवशिष्ट राख से ईंट बनाने के लिए केंद्र सरकार नई तरकीब अपना रही है, जिसके तहत एक ओर जीएसटी है।
इसी के चलते भट्टा संचालकों ने फैसला किया है कि वो आगामी सीजन अक्टूबर 2022 से सितम्बर 2023 तक अपने ईंट भट्टों का काम पूरी तरह से बन्द रखेंगे, जिससे लाखों मजदूर भी रोजी रोटी के लिए परेशान होंगे.