हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब में शिक्षक दिवस के अवसर पर पांवटा स्वयं सहायता की महिलाओं ने अनोखी पहल की है महिलाओं ने पांवटा ब्लॉक कार्यालय में ब्लॉक अधिकारी को शिक्षक दिवस पर सम्मानित किया है। महिलाओं का कहना है कि अध्यापक ने शिक्षा दी है तो ब्लॉक अधिकारी ने उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है और उनकी आर्थिक स्थिति को संवारा है इसलिए ब्लॉक अधिकारी अध्यापक से कम नहीं महिलाओं ने सुबह ब्लॉक कार्यालय को बहुत खूबसूरती से सजाया और उसके बाद ब्लॉक अधिकारी को सम्मानित किया।

स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि पांवटा ब्लाक के अंतर्गत 876 महिलाओं के समूह बनाए गए हैं जिसमें 9000 के करीब महिलाएं काम कर आत्मनिर्भर बन रही है और अपने घर का लालन-पालन सही ढंग से कर रही है महिलाओं ने बताया कि महिलाएं सूखे पेड़ की तरह थी उसमें ब्लॉक अधिकारी ने पानी देने का काम किया। आज पेड़ फल और फूल देने का काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमारा तात्पर्य है कि महिलाएं घर मे चुपचाप बैठी रहती थी लेकिन ब्लॉक अधिकारी के समझाने के बाद 9000 महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है लोगों के बीच जाकर अपने अधिकार को मांग रही है और गांव गांव तक सरकार की योजनाएं का लोगों को फायदा पहुंचा रहे हैं।

महिलाओं ने बताया कि माता-पिता के बाद शिक्षक ही होते हैं जो हमारे जीवन के मार्गदर्शक होते हैं। उनके द्वारा दी गई शिक्षा को ग्रहण कर हम अपने जीवन को सही दिशा दे सकते हैं। वही शादी के बाद पति ही महिला का सम्मान और उन्हें आत्मनिर्भर बना रहा है लेकिन पांवटा साहिब में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ब्लॉक अधिकारी ने कई प्रयास किए हैं जिसका धरातल पर असर भी नजर आ रहा है।

बताते चलें कि सितंबर महीने की 5 तारीख का दिन भारत में शिक्षक दिवस के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। जिसकी शुरुआत 5 सितम्बर 1962 से हुई थी। बच्चों के लिए यह दिन बहुत ही खास होता है। वही आज स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने ब्लॉक कार्यालय में ब्लॉक अधिकारी को सम्मानित किया इस दौरान सैकड़ों महिलाएं मौजूद रही।

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