पंजाब के मोहाली में झूला टूटने से काफी लोगो को चोटे आई हैं। यह हादसा रविवार की रात हुआ जब लोग छुट्टी का आनंद लेने के लिए अपने परिवार के साथ खुशियों के पल बिताते हैं लेकिन इस झूले हादसे की वजह से अब ना जाने कितने लोगो के दिल में झूले का डर बैठ गया हैं और वह झूला महज 3 सेकेंड में 50 फुट की उंचाई से नीचे गिरा। झूले पर 30 लोग सवार थे। सभी लोगों को चोट आई है। इनमें से 13 लोग गंभीर रूप से ज़ख्मी हैं। सभी को सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

दरअसल, मोहाली के फेज 8 दशहरा ग्राउंड में मेला चल रहा है। यहां ड्रॉप टावर झूले के हाइड्रोलिक का तार टूटने से नीचे गिरा है। यह कमी प्राथमिक जांच में निकल कर सामने आई है लेकिन अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है। वहीं, इस हादसे ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगा दिया है। प्रशासनिक अधिकारियों ने मेले के आयोजन की मंजूरी देने के बाद यह देखना तक जरूरी नहीं समझा कि सुरक्षा से संबंधित इंतजाम पूरे हैं या नहीं।

ड्रॉप टॉवर झूला दुनिया में खतरनाक माना जाता है। ऐसे में इस झूले का संचालन करने के लिए सख्त मानक है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दशहरा मैदान में इमरजेंसी स्थिति से निपटने के लिए कोई प्रबंध नहीं था। यही कारण है कि हादसे के बाद लोगों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस तक की लोगों को सुविधा नहीं मिली। इमरजेंसी नंबर भी डिसप्ले नहीं किए गए थे। प्राथमिक इलाज की भी सुविधा नहीं थी। जिससे लोगो को बहुत परेशानी भी हो रही थी।

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