पावटा साहिब में बंदरों के आतंक से बचने के लिए बंदर को पकड़ने के लिए विशेष टीम ऊना से बुलाई गई जिसने विभिन्न कॉलोनियों से बंदरों को पकड़ कर पिंजरा-बंद किया व नसबंदी करने हेतु पांवटा स्थित मंकी स्टरलाइजेशन सेंटर में भेजा गया। नसबंदी करने पश्चात बंदरों को जंगल में छोड़ा गया है। मंकी कैचिंग अभियान के दौरान पांवटा अनाजमंडी क्षेत्र, गुलाबगढ़ व सन फार्मा से बड़ी संख्या में बंदर पकड़े गए।

बता दें कि पांवटा साहिब में बंदरों के आतंक के चलते कई लोग छतों से गिर चुके हैं और बुरी तरह घायल भी हुए हैं ।यही नहीं पांवटा साहिब के एसडीएम विवेक महाजन भी इनका शिकार हुए इसके अलावा कई बच्चे बुजुर्ग महिलाएं भी इनका शिकार हुई है शहरी क्षेत्र में कुछ एरिया तो ऐसे हैं जहां पर छतों पर बंदरों ने कब्जा कर लिया है और 20 से 30 बंदर इकट्ठा होकर लोगों को न केवल डराते हैं बल्कि हमला भी कर देते हैं।

जनमानस से बंदरों को खाना न देने व नगर पालिका से शहरी क्षेत्र में खुले में फैले कचरे का तुरंत निराकरण करने की अपील भी वन विभाग द्वारा की गई है ।

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