हिमाचल सरकार ने भी एनपीएस में गया पैसा वापस करने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिख दिया है। राज्य सरकार की ओर से कंट्रीब्यूशन के तौर पर 14 फीसदी और कर्मचारियों के हिस्से का 10 फीसदी पैसा भारत सरकार के पास है, जिसकी राशि 7600 करोड़ बनती है। एनपीएस कर्मचारी संघ के साथ बैठक में यह जानकारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दी। सुखविंदर सिंह ने कहा कि पेंशनधारकों को नियमित और सम्मानजनक पेंशन मिले, इसके लिए रूपरेखा तैयार करनी होगी।

राज्य सरकार मंत्रिमंडल की पहली बैठक में प्रदेश के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। वर्तमान में 1,18,000 कर्मचारी एनपीएस के तहत कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में सम्पन्न आम विधानसभा चुनाव के दौरान अपने घोषणापत्र में राज्य के लोगों को 10 गारंटियां दी हैं। राज्य सरकार प्रदेश में इन सभी गारंटियों को चरणबद्ध तरीके से लागू करेगी।

इस अवसर पर कर्मचारी कल्याण बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष सुरेंद्र मनकोटिया ने भी अपने सुझाव दिए। इस दौरान मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान, विधायक संजय अवस्थी, अनिरुद्ध सिंह एवं अजय सोलंकी, मुख्य सचिव आरडी धीमान, अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना तथा एनपीएस कर्मचारियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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