राज्य बिजली बोर्ड ने 90 पैसे प्रति यूनिट दरें बढ़ाने का प्रस्ताव आयोग को दिया है। आयोग साल 2023-24 के लिए बिजली दरें तय करने से पहले जनता की राय लेगा।

हिमाचल प्रदेश में अप्रैल 2023 से औद्योगिक और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का झटका लग सकता है। वर्ष 2023-24 के लिए बिजली की दरें निर्धारित करने का काम शुरू हो गया है। 300 यूनिट बिजली निशुल्क नहीं हुई तो घरेलू उपभोक्ताओं पर भी बढ़ी हुई दरों की मार पड़ सकती है। राज्य विद्युत नियामक आयोग बिजली दरों के प्रस्ताव पर 4 मार्च को जन सुनवाई करेगा। 20 फरवरी तक उपभोक्ताओं से नई दरों को लेकर सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित की गई हैं।

राज्य बिजली बोर्ड ने 928 करोड़ रुपये के घाटे का हवाला देकर आयोग के समक्ष याचिका दायर की है। खर्चे पूरे करने के लिए वर्ष 2023-24 के लिए 7,129.99 करोड़ रुपये की जरूरत बताई गई है। बोर्ड ने 90 पैसे प्रति यूनिट दरें बढ़ाने का प्रस्ताव आयोग को दिया है। आयोग साल 2023-24 के लिए बिजली दरें तय करने से पहले जनता की राय लेगा। इसके लिए 4 मार्च को आयोग के कसुम्पटी स्थित कार्यालय में जन सुनवाई होगी।

आयोग ने स्पष्ट किया है कि हिंदी और अंग्रेजी भाषा में सुझाव-आपत्तियां दी जा सकती हैं। बिजली बोर्ड सुझाव-आपत्तियों का 25 फरवरी तक लोगों को जवाब देगा। बोर्ड के जवाब से असंतुष्ट लोग 1 मार्च तक दोबारा अपनी बात रख सकेंगे। उधर, कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान घरेलू उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 300 यूनिट तक निशुल्क बिजली देने की घोषणा की है।

पूर्व सरकार के समय से 125 यूनिट तक घरेलू उपभोक्ताओं को अभी निशुल्क बिजली मिल रही है। इसकी एवज में बोर्ड प्रबंधन को प्रतिमाह अनुदान राशि दी जाती है। अगर सरकार ने जल्द ही 300 यूनिट तक निशुल्क बिजली देने का फैसला नहीं लिया तो आयोग नई दरें निर्धारित करते समय इसमें बढ़ोतरी कर सकता है। प्रदेश में बीते कुछ वर्षों से घरेलू बिजली महंगी नहीं हुई है।

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