डाॅ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज में गुन्नु घाट पुलिस चौकी में तैनात पुलिस के हैड कांस्टेबल हीरा सिंह ने आपातकाल में दुर्लभ रक्तदान कर पुण्य कमाया। कुदरत का फैसला देखिए, एक तरफ जहां गर्भवती महिला को दुर्लभ ब्लड ‘ओ नेगेटिव’ उपलब्ध न होने की स्थिति में पीजीआई रैफर होने की नौबत आ गई थी, वहीं दूसरी तरफ नॉर्मल डिलीवरी के बाद गोद में बेटे की किलकारी भी गूंज गई।

सामान्य प्रसूति होने की वजह से महिला को रक्त की आवश्यकता ही नहीं पड़ी। प्रसूूति से पहले चिकित्सक इस बात को सुनिश्चित करने की कोशिश करते हैं कि गर्भवती महिला को प्रसूति के दौरान ब्लड की आवश्यकता पड़ती है तो इसका इंतजाम पहले ही होना चाहिए। विकास खंड की सलानी कटोला पंचायत के बांसवाला से ताल्लुक रखने वाली गर्भवती महिला के परिजनों ने दुर्लभ ब्लड ग्रुप की तलाश शुरू की। इस कोशिश में ‘ड्राॅप ऑफ हाॅॅप्स’ ने भी भूमिका निभाई।

हैड कांस्टेबल को जब ये पता चला कि स्थिति विकट है, रक्त का इंतजाम न होने की स्थिति में गर्भवती महिला को चंडीगढ़ ले जाने की नौबत आ सकती है तो एक पल गंवाए बगैर हैड कांस्टेबल ने मेडिकल काॅलेज पहुंचकर रक्तदान किया।

बता दें कि हैड कांस्टेबल हीरा सिंह ड्राॅप्स ऑफ़ हाॅप्स ब्लड ग्रुप के सक्रिय सदस्य भी हैं। ग्रुप के संस्थापक ईशान राव का कहना है कि मरीज को पीजीआई रैफर करने से पहले स्टाफ संपर्क कर लेता है तो स्थिति का सरलीकरण किया जा सकता है। ग्रुप के सदस्य नाहन के अलावा चंडीगढ़ व शिमला में भी रक्तदान के लिए तत्पर रहते हैं। आपातकालीन स्थिति में चंडीगढ़ व शिमला में भी ग्रुप के सदस्यों ने ब्लड डोनेट किया है।

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