शिमला राजधानी में बढ़ी हुई दरों पर पानी के बिलों की वसूली शुरू हो गई है। शहर के पंथाघाटी, कसुम्पटी क्षेत्र के पेयजल उपभोक्ताओं को कंपनी ने बढ़ी दरों पर पानी बिल थमा दिए हैं।
नई दरें लागू होने के कारण उपभोक्ताओं को इस बार पहले से ज्यादा बिल आए हैं। बढ़े हुए बिल मिलने के बाद शहर में इस फैसले का विरोध भी तेज हो गया है। लोगों का कहना है कि सरकार ने महंगाई से राहत देने का सपना दिखाया था लेकिन नया साल शुरू होते ही जेब ढीली करनी शुरू कर दी है। कई उपभोक्ताओं का कहना है कि 24 जनवरी से बढ़ी दरों पर बिल जारी होना चाहिए था लेकिन कंपनी ने पहली जनवरी से ही इसे लागू कर दिया है। इससे बिल 100 से 300 रुपये तक ज्यादा आए हैं। पंथाघाटी निवासी पूर्व डिप्टी मेयर राकेश शर्मा को भी पानी का ज्यादा बिल आया है। पिछले महीने 53 किलोलीटर का बिल 1753 रुपये आया था। इस महीने 52 किलोलीटर पानी का बिल ही 1851 रुपये आ गया।
पूर्व डिप्टी मेयर का कहना है कि वार्ड में कई लोगों को 300 से 500 रुपये ज्यादा बिल आया है। सवाल उठाए कि कंपनी ने वित्तीय वर्ष शुरू होने से पहले ही पेयजल दरों में बढ़ोतरी कर दी। इससे हजारों उपभोक्ताओं पर बोझ पड़ेगा। भाजपा इसका विरोध करेगी। अगले हफ्ते शहर में इस फैसले के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू किया जाएगा।
पूर्व मेयर, डिप्टी मेयर पर भी उठाए सवालपूर्व मेयर राकेश शर्मा ने कहा कि उन्होंने सदन में पेयजल स्लैब में बदलाव के प्रस्ताव पारित करवाए थे जिससे जनता को भारी भरकम पानी बिलों से राहत मिलनी थी। लेकिन कंपनी के निदेशक मंडल ने इसे लागू नहीं किया। राकेश शर्मा ने अपनी ही पार्टी के पूर्व मेयर और डिप्टी मेयर पर भी सवाल उठाए कि निदेशक मंडल का हिस्सा होने के बावजूद वह इस फैसले को लागू नहीं करवा पाए।
उधर, पेयजल कंपनी के प्रबंध निदेशक डॉ. पंकज ललित ने कहा कि सरकार ने 24 जनवरी से पेयजल दरें बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। उसके अनुसार ही बिल जारी किए हैं।35 हजार उपभोक्ता हैं शिमला शहर मेंशिमला शहर में 35 हजार पेयजल उपभोक्ता हैं। इनमें से 25 हजार उपभोक्ताओं के पास सस्ते घरेलू कनेक्शन हैं। अभी कंपनी घरेलू उपभोक्ताओं को ही पानी बिल जारी कर रही है। आने वाले दिनों में व्यावसायिक उपभोक्ताओं को भी बिल जारी होंगे। इन पर महंगी दरों का सबसे ज्यादा बोझ पड़ने वाला है।