कांग्रेस के तीनों प्रमुख नेताओं के दिल्ली दौरे तय होते ही सियासी गलियारों में हलचल शुरू हो गई है। पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) को लागू करना और सीमेंट प्लांटों पर तालाबंदी से निपटना सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।

कई चुनौतियों के बीच हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के नेताओं की अब दिल्ली दौड़ फिर शुरू हो गई। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिह सुक्खू 7 फरवरी को नई दिल्ली जा सकते हैं। वहीं, मंत्री विक्रमादित्य सिंह पहले ही पहुंच गए हैं। 9 फरवरी को उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री का भी नई दिल्ली पहुंचने का कार्यक्रम है। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से प्रदेश के मौजूदा हालात पर ये नेता मंथन करेंगे। कांग्रेस के राज्य प्रभारी राजीव शुक्ला से भी इन नेताओं की मुलाकात संभावित है। 10 फरवरी को गोवा में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के बेटे की शादी है। हालांकि, सीएम वहां भी जा सकते हैं।

कांग्रेस के तीनों प्रमुख नेताओं के दिल्ली दौरे तय होते ही सियासी गलियारों में हलचल शुरू हो गई है। पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) को लागू करना और सीमेंट प्लांटों पर तालाबंदी से निपटना सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। मिशन 2024 के लिए आक्रामक होती भाजपा के खिलाफ भी कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व हिमाचल सरकार के नेताओं को विशेष निर्देश जारी कर सकता है। हालांकि लोक निर्माण और खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने 8 फरवरी को भोपाल में खेलो इंडिया कार्यक्रम में भाग लेना है।

जनता पर बोझ डालने की तैयारी से संतुष्ट नहीं केंद्रीय नेतृत्व

मुख्यमंत्री सुक्खू हिमाचल की अर्थव्यवस्था पटरी पर लाने के लिए बार-बार दोहरा रहे हैं कि कड़े फैसले लेने होंगे। पार्टी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस सरकार की जनता पर बोझ डालने की इस तैयारी से पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व संतुष्ट नहीं है। ऐसे में इन नेताओं से इस पर भी केंद्रीय नेतृत्व चर्चा कर सकता है। मसला यह है कि जनता पर वित्तीय बोझ डालने के काेई भी कड़े फैसले लोकसभा चुनाव में सरकार के लिए चुनौती बन सकते हैं।

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