अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक साइबर अपराध भूपिंद्र नेगी ने साइबर ठगी के इस मामले की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि हिमाचल में साइबर अपराध बढ़ता जा रहा है। अपराधी लोगों को ठगने में नए-नए तरीके अपना रहे हैं।

लॉटरी का झांसा देकर साइबर अपराधियों ने चंबा जिला निवासी छांगा राम को 72 लाख रुपये का चूना लगा दिया है। पीड़ित ने साइबर पुलिस को आपबीती सुनाई। पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। साइबर पुलिस ने बताया कि पहले अपराधियों ने छांगा राम को 25 लाख रुपये की लॉटरी लगने के नाम पर फोन किया। इसके बाद पीड़ित को मोबाइल पर मैसेज भेजे। लॉटरी के नाम पर पीड़ित को बार-बार फोन करते रहे। कहा गया कि पहले कुछ पैसे जमा कराने होंगे, उसके बाद लॉटरी की पूरी रकम खाते में डाल दी जाएगी।

पीड़ित साइबर अपराधियों की बातों में आ गया और अकाउंट में पैसे भेजने शुरू कर दिए। करीब 200 बार पीड़ित ने बैंक जाकर और गूगल पे से साइबर अपराधियों के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए। पीड़ित ने बताया कि अपराधियों की बातों में आकर उसने 72 लाख रुपये उनके बताए अकाउंट में डाल दिए। उसने अपनी जीवन की सारी जमापूंजी और रिश्तेदारों से पैसे उधार लेकर शातिर के अकाउंट में डाल दिए। छांगा राम ने पुलिस को बताया कि जिसे पैसे भेजे हैं, वह अपना नाम संदीप बताता था।

पीड़ित ने जब अपने साथियों से आपबीती सुनाई तो पता चला कि उसे ठगा गया है। इस पर पीड़ित ने शिमला साइबर थाने में शिकायत की। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक साइबर अपराध भूपिंद्र नेगी ने साइबर ठगी के इस मामले की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि हिमाचल में साइबर अपराध बढ़ता जा रहा है। अपराधी लोगों को ठगने में नए-नए तरीके अपना रहे हैं। लोग साइबर अपराधियों के झांसे में न आए, इसको लेकर बार-बार एडवाइजरी जारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि वेस्ट बंगाल, महाराष्ट्र और झारखंड से साइबर अपराधी सक्रिय होकर ठगी की इन वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।

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