प्रदेश की सीमा में खनन करने के मामले में गुरुवार को स्थानीय प्रशासन मानपुर देवड़ा पहुंचा। यहां दोनों राज्यों की सीमाओं का रिकॉर्ड खंगाला। एसडीएम पांवटा गुंजीत सिंह चीमा की अगुवाई में अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया।

हिमाचल प्रदेश की सीमा में खनन करने के मामले में गुरुवार को स्थानीय प्रशासन मानपुर देवड़ा पहुंचा। यहां दोनों राज्यों की सीमाओं का रिकॉर्ड खंगाला। एसडीएम पांवटा गुंजीत सिंह चीमा की अगुवाई में अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया। उधर, एनजीटी के आदेशों पर उत्तराखंड सरकार ने अपने क्षेत्र में विवादित पट्टे के अवैध खनन कार्य को बंद करवा दिया है। बता दें कि उत्तराखंड निवासी जुनेद अयुबी ने एनजीटी में याचिका दायर की थी।

इसमें उत्तराखंड राज्य सीमा पर सिरमौर के मानपुर देवड़ा क्षेत्र में स्वीकृत उत्तराखंड गढ़वाल मंडल खनन पट्टे में अवैध खनन की शिकायत की गई थी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने अवैध खनन पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी। गुरुवार को एसडीएम पांवटा साहिब गुंजीत सिंह चीमा, तहसीलदार ऋषभ शर्मा, डीएसपी पांवटा रमाकांत ठाकुर समेत राजस्व विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। इस दौरान मौके जाकर भौतिक सत्यापन (फिजिकल वेरिफिकेशन) किया गया। एसडीएम समेत अधिकारियों को राजस्व विभाग टीम ने अपना रिकॉर्ड दिखाया, जिसमें हिमाचल सीमा के मानपुर देवड़ा में संचालित व स्वीकृत क्रशरों व पट्टों के क्षेत्र को सही पाया।

मौके पर सामने पड़ोसी राज्य के गढ़वाल मंडल विकास निगम के कथित स्वीकृत पट्टे पर कोई कार्य होता नहीं दिखा। बताया जा रहा है कि एनजीटी के निर्देशों के तुरंत बाद पड़ोसी राज्य ने खनन बंद करवा दिया है। एसडीएम पांवटा साहिब गुंजीत सिंह चीमा ने कहा कि संयुक्त टीम ने मौके पर पहुंच कर निरीक्षण किया है। राजस्व रिकॉर्ड में सरकार व विभाग की ओर से जारी पट्टे उपयोग में (ऑक्यूपाइड) हैं। रिकार्ड अनुसार ऐसा कोई भी पट्टा नहीं है, जो उत्तराखंड ने जारी किया हो। इसकी रिपोर्ट जिलाधीश सिरमौर व सरकार को भेजी जाएगी।

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