मेडिकल कॉलेज नाहन में जल्द मातृ-शिशु अस्पताल (एमसीएच) बनेगा। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने इसकी प्रपोजल तैयार कर सरकार को भेज दी है। सरकार की ओर से स्वीकृति के बाद यहां अलग से एमसीएच बनाया जाएगा। 2016 में शुरू हुए मेडिकल कॉलेज में अभी तक मातृ-शिशु अस्पताल नहीं है। ऐसे में गर्भवतियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मेडिकल कॉलेज ने मातृ-शिशु अस्पताल भवन के लिए आयुष विभाग के भवन के साथ जगह भी चयनित कर ली है। सरकार की ओर से स्वीकृति और बजट मिलने के बाद इसे शुरू कर किया जाएगा।

एमसीएच में 210 बिस्तरों की व्यवस्था होगी। इसके अलावा ऑपरेशन थियरेटर, प्रयोगशालाएं, ड्यूटी रूम, चिकित्सकों के रूम और लेबर रूम के अलावा अन्य सभी प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी। ये सभी सुविधाएं की छत के नीचे मिलेंगी, जबकि अभी मेडिकल कॉलेज में यह व्यवस्था नहीं है।

गायनी वार्ड में 38 बिस्तर

वर्तमान में मेडिकल कॉलेज के गायनी वार्ड में 38 के करीब बिस्तर की व्यवस्था है। ऐसे में कई बार एक बिस्तर पर दो-दो मरीजों को भी दाखिल करना पड़ रहा है। इससे न केवल संक्रमण का खतरा बना रहता है, बल्कि मरीजों और उनके तीमारदारों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जगह संकरी और कम होने के चलते चिकित्सकों को भी उपचार में परेशानी हो रही है।

चंडीगढ़ और शिमला जाने से भी मिलेगी निजात मेडिकल कॉलेज में गर्भवती महिलाओं के लिए आधुनिक सुविधाएं नहीं है। गंभीर मामलों में महिलाओं को अकसर पीजीआई चंडीगढ़ और शिमला रेफर किया जा रहा है। अलग से एमसीएच बनने और आधुनिक मशीनरी स्थापित होने के बाद उन्हें यह सुविधा नाहन में ही मिलेगी। मेडिकल कॉलेज में जिले के दूरदराज क्षेत्रों से गर्भवती महिलाएं उपचार के लिए पहुंचती है।

मेडिकल कॉलेज में मातृ-शिशु अस्पताल की प्रपोजल बनाकर सरकार को भेजी गई है। आयुष विभाग भवन के साथ ही भवन के लिए जगह चयनित की गई है। मातृ-शिशु अस्पताल में 210 बिस्तरों के अलावा लेबर रूम और अन्य सुविधाएं होंगी। सरकार से स्वीकृति और बजट मिलने के बाद जल्द ही इसे शुरू किया जाएगा।डॉ. श्याम लाल कौशिक, कार्यवाहक प्रधानाचार्य, मेडिकल कॉलेज नाहन

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