करीब साढ़े 12 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित चूड़धार चोटी के जंगल में दो पर्यटक रास्ता भटक गए। रात भर घने जंगल में भटके दोनों पर्यटकों को रेस्क्यू कर लिया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के देहरादून से दो युवक आशुतोष (29) पुत्र विनय व रोहित लेखवर (31) पुत्र आर लेखवर सोमवार को चूड़धार चोटी पर पहुंचे थे। इसी दिन शाम के वक्त दोनों सराहं के रास्ते देहरादून वापस लौट रहे थे, लेकिन अंधेरा होने की वजह से घने जंगल में रास्ता भटक गए। घने जंगल में नेटवर्क न होने के चलते परिजनों व पुलिस से संपर्क नहीं हो पा रहा था।

रात भर भटकते हुए अचानक उन्हें नेटवर्क मिला, जिसके बाद उन्होंने 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस को सूचित कर मदद की गुहार लगाई। स्थानीय लोगों के साथ पुलिस टीम तुरंत चूड़धार के जंगल के लिए रवाना हुई। रात भर जंगल का चप्पा-चप्पा छानने के बाद आधी रात बाद करीब ढाई बजे दोनों पर्यटकों को जंगल से रेस्क्यू किया गया।

आशुतोष व रोहित ने बताया कि रास्ता भटक जाने के बाद वह घने जंगल में ऐसे स्थान पर पहुंच गए थे, जहां से उन्हें यह भी पता नहीं चल पा रहा था कि वह किधर से आए है और कहां जाना है। नीचे ऊपर खतरनाक ढाक थी।

सैलानियों ने बताया कि वह रात भर भूखे-प्यासे भटकते रहे। सही सलामत रेस्क्यू के लिए उन्होंने पुलिस व स्थानीय लोगो का आभार व्यक्त किया। हालांकि इस बार 70 फीसदी तक बर्फबारी हुई है, इसके बावजूद भी चूड़धार में अभी तीन से चार फुट बर्फ जमी हुई है। चूड़धार में हर वर्ष 18 से 20 फुट बर्फ गिरती है।

गौरतलब है कि इन दिनों चूड़धार में भारी बर्फ जमी हुई है सारे रास्ते बंद है। चूड़धार में सारे ढाबे व दुकानें बंद है। सराय भी बंद है। इसलिए न तो वहां पर खाने-पीने की व्यवस्था है और न ही ठहरने की सुविधा है। प्रशासन की और से हर साल दिसंबर से अप्रैल महीने तक यात्रा पर रोक रहती है।

श्रद्धालुओं से अपील है कि वह प्रशासन के आदेशों की अवहेलना न करें। 13 अप्रैल के बाद चूड़धार यात्रा के लिए मौसम अनुकूल हो जाता है। इसलिए अप्रैल महीने में ही श्रद्धालु चूड़धार यात्रा की प्लानिंग करें।

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