चौधरी सरवन कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर (हिमाचल प्रदेश) के कृषि विज्ञान केंद्र सिरमौर स्थित धौलाकुआं को प्राकृतिक खेती पर कार्य करने के लिए “उत्कृष्ट प्राकृतिक खेती पुरस्कार” शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी विश्वविद्यालय श्रीनगर में प्रदान किया गया। ये पुरस्कार केवीके सिरमौर के प्रभारी एवं प्रधान वैज्ञानिक डा. पंकज मित्तल ने प्राप्त किया। डा. पंकज मित्तल ने बताया कि 22-23 जुलाई को शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय शालीमार-कश्मीर में कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से प्राकृतिक खेती के उन्नयन पर प्रगति समीक्षा व जागरूकता कार्यशाला के दौरान सिरमौर को प्राकृतिक खेती पर कार्य करने के लिए उत्कृष्टता पुरस्कार प्राप्त हुआ है। इस पुरस्कार को प्राप्त करने के लिए कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति प्रोफेसर डीके वत्स ने भी धौलाकुआं स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ. पंकज मित्तल और केंद्र के वैज्ञानिकों को बधाई दी।

डॉ. मित्तल ने कहा कि केवीके सिरमौर के वैज्ञानिकों की टीम जागरूकता कार्यक्रमों, प्रशिक्षणों और विधि प्रदर्शनों के माध्यम से जिले के किसान समुदाय के बीच प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। इसमें कृषि विभाग की आत्मा परियोजना, सिरमौर के जिला अधिकारी डॉ. साहेब सिंह एवं अन्य का भी उल्लेखनीय सहयोग कृषि विज्ञान केंद्र को मिलता रहा है। श्रीनगर में आयोजित की गई कार्यशाला में शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय शालीमार- कश्मीर के कुलपति डा. नजीर अहमद गनई ने कृषि विज्ञान केंद्र सिरमौर के प्रमुख डा. पंकज मित्तल और डा. शिवाली धीमान को श्रीनगर में कार्यशाला के समापन समारोह के दौरान ये पुरस्कार प्रदान किया।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग एवं अनुसंधान संस्थान (अटारी) जोन एक के निदेशक डा. परविंदर श्योरान और कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के प्रसार शिक्षा निदेशक डा. नवीन कुमार ने भी तीन राज्यों हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के अंतर्गत आने वाले सभी कृषि विज्ञान केंद्रों में इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को प्राप्त करने के लिए केविके सिरमौर के वैज्ञानिकों की टीम के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बताया कि गत वर्ष 2023 में भी कृषि विज्ञान केंद्र सिरमौर को हिमाचल प्रदेश के उत्कृष्ट कृषि विज्ञान केंद्र का पुरस्कार प्राप्त हुआ था।

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