सीटू के बैनर तले आउटसोर्स कर्मचारी, मल्टी टास्क वर्कर और कामगार जिला मुख्यालय कुल्लू में सड़कों पर उतरे। उन्होंने उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर नारेबाजी की और प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। आउटसोर्स कर्मचारियों ने स्थायी नीति बनाने और न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये करने की मांग उठाई है। सीटू जिला कमेटी के महासचिव राजेश ठाकुर ने कहा कि आउटसोर्स प्रथा से युवाओं का शोषण हो रहा है।

उन्हें नियमित कर्मचारियों के मुकाबले बहुत कम वेतन दिया जा रहा है और श्रम कानूनों के तहत मिलने वाली सुविधाएं भी नहीं दी जा रही हैं। सीटू ने ठेका, आउटसोर्स, मल्टी टास्क और फिक्स टर्म कामगारों के लिए श्रेणी अनुसार न्यूनतम वेतन लागू करने की मांग की। आउटसोर्स कर्मचारियों ने सुप्रीम कोर्ट के 26 अक्तूबर 2016 के फैसले के अनुसार समान काम का समान वेतन जारी करने, छुट्टियों, पेंशन, ग्रेच्युटी, ईपीएफ, ईएसआई, मेडिकल सुविधा, बोनस, ओवरटाइम वेतन, श्रम कानून और आठ घंटे की ड्यूटी आदि सभी प्रकार की सुविधाएं लागू करने की मांग की। इस दौरान अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, महासचिव प्रेम गौतम आदि उपस्थित रहे।

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