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देहरादून: उत्तराखंड शिक्षा विभाग ने 2906 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में ऐसे द्विवर्षीय डीएलएड अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगा दी है, जिनका विवाह अन्य राज्यों, जैसे उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा में हुआ है। शिक्षा निदेशालय ने 27 अगस्त 2024 को सरकार को इस विषय पर स्पष्ट दिशा-निर्देश मांगे थे, जिससे यह तय हो सके कि इन अभ्यर्थियों को राज्य में आरक्षण का लाभ मिल सकता है या नहीं। अधिकारियों का कहना है कि इस मुद्दे पर समाज कल्याण, कार्मिक और न्याय विभाग से सलाह मांगी गई है। कार्मिक विभाग के 10 अक्तूबर 2002 के शासनादेश के अनुसार, उत्तराखंड के बाहर के अभ्यर्थियों को अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए निर्धारित आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अतिरिक्त, समाज कल्याण विभाग के 29 दिसंबर 2008 के आदेश में स्पष्ट किया गया है कि उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 के तहत दी गई सुविधाएँ केवल सेवा शर्तों तक सीमित हैं। इस प्रकार, उत्तराखंड के बाहर के अभ्यर्थियों को उनके मूल राज्य में ही आरक्षण की सुविधाएँ प्राप्त होंगी, अन्यथा उन्हें इस भर्ती प्रक्रिया में कोई लाभ नहीं मिलेगा।

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