शिमला के प्रमुख स्थानों पर हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों की खराब हालत को दर्शाने वाले बैनर लगे हैं। इसमें सरकारी स्कूलों की हालत को बदहाल दर्शाया गया है। विक्ट्री टनल पर लगे ऐसे बैनर में लिखा गया है कि बदहाल स्कूल, कमल का फूल। इस बैनर में संदल, चम्याणा और ज्वालामुखी के 1-1 स्कूल की तस्वीर को बदहाल हालत में दर्शाया गया है। बैनर के नीचे यह भी लिखा है, ये दीवार नहीं टूट रही, आपके बच्चों के सपने टूट रहे हैं। सरकारी विरोधी इस तरह के बैनर सामने आने के बाद भाजपा ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाने का निर्णय लिया है।
भाजपा ने इस तरह के बैनर लगाने के लिए आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है। पार्टी का आरोप है कि जिस तरह से आम आदमी पार्टी सुनियोजित तरीके से शिक्षा एवं स्वास्थ्य को आधार बनाकर लोगों के बीच अपना पक्ष रख रही है, ऐसे में उसकी तरफ से ऐसे बैनर लगाए जा सकते हैं। हालांकि आम आदमी पार्टी ने प्रदेश के किसी भी स्थान पर इस तरह के बैनर लगाए जाने से इंकार किया है, लेकिन प्रदेश में स्कूलों एवं चिकित्सा संस्थानों की हालत पर सवाल जरूर उठाए हैं।
आम आदमी पार्टी का हाथ होने की आशंका : कर्ण नंदा
हिमाचल प्रदेश भाजपा सह-मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा है कि सरकार विरोधी बैनर लगाए जाने को लेकर पुलिस मेंं शिकायत दर्ज करवाई गई है। इसके अलावा नगर निगम शिमला के ध्यान में भी इस मामले को लाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस तरीके से आम आदमी पार्टी प्रदेश में शिक्षा एवं स्वास्थ्य के एजैंडा बनाकर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रही है, उससे इसके पीछे उसका हाथ होने से इंकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी के पड़ोसी राज्य में सत्ता में आने पर वहां का माहौल भी बिगड़ रहा है तथा प्रदेश में भी ऐसे हालात पैदा करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता गौरव शर्मा ने इस बात से इंकार किया कि उनकी पार्टी की तरफ से हिमाचल प्रदेश के किसी स्तर पर सरकार विरोधी बैनर लगाए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों की हालत खराब है तथा गुणवत्ता शिक्षा की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता जागरूक हो गई है तथा खुद इस तरह के बैनर लगा रही है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से उनको इस तरह के बैनर लगाए जाने की सूचना मिली है। उन्होंने कहा कि आप प्रदेश में शिक्षा के गिरते स्तर को विधानसभा चुनाव में मुद्दा बनाएगी।