आज शाम अमरनाथ गुफा के पास बादल फट गया, बादल फटने की घटना 5 बजकर 30 मिनट पर हुई। घटना के समय करीब 15 हजार श्रद्धालु गुफा के पास मौजूद थे। इस घटना मे अब तक 15 लोगों की मौत हो गई है। 35 से 40 श्रद्धालुओं के अब भी फंसे होने की खबर है। गुफा के पास फंसे यात्रियों को पंचतरणी ले जाया गया है।

बादल फटने की घटना पवित्र गुफा के एक से दो किलोमीटर के दायरे में हुई। पहाड़ों से तेज बहाव के साथ आए पानी से श्रद्धालुओं के लिए लगाए गए करीब 25 टेंट और दो से तीन लंगर बह गए। बारिश से पूरे इलाके में तेजी से पानी भर गया और कई लोग इसकी चपेट में आ गए। कई श्रद्धालु लापता हैं और उनके तेज बहाव में बहने की आशंका है।

रेस्क्यू जारी-घटना के तुरंत बाद सेना, ITBP, CRPF, BSF, NDRF और SDRF के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम ने रेस्क्यू शुरू कर दिया। NDRF के DG अतुल करवाल ने बताया कि लोगों को सुरक्षित निकालकर कैंपों तक पहुंचाया जा रहा है। घायलों को एयरलिफ्ट करके अस्पताल ले जाया गया है।

जानकारी के अनुसार, साल 2010 में भी गुफा के पास बादल फटा था, लेकिन तब भी कोई नुकसान नहीं हुआ था। वर्ष 2021 में 28 जुलाई को गुफा के पास बादल फटने से तीन लोग इसमें फंस गए, जिन्हें बचा लिया गया था। इसमें कोई जानी नुकसान नहीं हुआ था। इस बार बादल फटने से बड़ा नुकसान हुआ है।यात्रा में तैनात कुछ अफसरों ने बताया कि बादल फटने के बाद एकदम से पानी का बहाव आया। इसमें दो बड़े पहाड़ों का मलबा आ गया। मलबे में कई बड़े बड़े पत्थर थे, जिनकी वजह से इनकी चपेट में कई यात्री आ गए। यह एक मुख्य कारण था कि इतने लोगों की जान चली गई। अमरनाथ गुफा के पास फटे बादल से एक घंटे के भीतर इतनी बारिश हो गई, जितनी पांच घंटों में भी नहीं होती। यही नहीं गुफा के आसपास के कैंपों में भी बारिश नहीं हुई, लेकिन गुफा के ऊपर भारी बारिश हुई। इस बीच बादल फट गया और तबाही मच गई। 

मौसम विभाग के निदेशक सोनम लोटस का कहना है कि शाम पांच बजे से लेकर छह बजे के बीच गुफा के ऊपरी हिस्से में 25 एमएम बारिश हो गई, जबकि इसके पहले दोपहर 12 से बजे से लेकर शाम पांच तक मात्र 30 एमएम बारिश हुई थी। इससे कई गुणा ज्यादा बारिश पांच जुलाई को हुई थी। गुफा के ऊपर एकदम से बारिश हो गई। इसके बाद यह सैलाब बनकर नीचे आ गई। जिसके साथ बड़े पत्थर और मलबा आया और इसकी वजह से कई लोगों की जान चली गई।

उन्होंने कहा, गुफा के आसपास कई कैंप हैं। पंचतरणी, शेषनाग और बालटाल जैसे कैंपों में भी इतनी बारिश नहीं हुई है। यहां तक कि बारिश हुई ही नहीं। गुफा के ऊपर एकदम से इस तरह की बारिश होना और इतनी तबाही होना काफी दुखद है। अब तक 16 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। करीब 15,000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।

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अमरनाथ हादसे को लेकर कश्मीर स्वास्थ्य निदेशालय ने विभाग में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की छुट्टियों पर रोक लगा दी है। निदेशालय ने कहा है कि स्थायी हो या अनुबंध, सभी कर्मचारी अगले आदेश से छुट्टी नहीं लेंगे। सभी अधिकारियों को मोबाइल फोन चौबीसों घंटे ऑन रखने के आदेश दिए गए हैं।

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