पांवटा साहिब:किसान विंग कमांडर अनिंदर सिंह नॉटी ने प्रेस बयान जारी कर कह की क्षेत्र में इस बार धान की फसल फिजी वायरस के कारण 50% या इस से भी से अधिक खराब हो चुकी थी अब सितंबर महीने की बारिश की झड़ी के कारण धान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और उनमें फंगस आने से दाना काला पड़ चुका है।
उन्होंने कहा की इस बार पांवटा साहब क्षेत्र में धान का किसान अपनी लागत भी निकालने में असमर्थ है जबकि सैकड़ों किसान तो अपने खड़े धान पर ट्रैक्टर चलाकर मिट्टी में मिला चुके हैं। इससे पहले इस वर्ष गेहूं की फसल भी मौसम में एकदम परिवर्तन से बहुत हद तक खराब हो गई थी वहीं पिछले वर्ष गेहूं की फसल ओलावृष्टि ने प्रभावित हुई थी।
उन्होंने कहा की लगातार नुकसान के कारण यहां किसान भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं और सभी नेता वोट मांगने तथा प्रशासन चुनाव की तैयारी में मशगूल लग रहा है। किसानों को अभी तक पिछले वर्ष हुए नुकसान का भी कोई मुआवजा नहीं मिला है आगे की तो किसान उम्मीद ही छोड़ चुके हैं। जिन किसानों की फसलों में आग लगने से नुकसान हुआ था उनको भी अभी तक कोई मुआवजा नहीं मिला है, ऊपर से किसानों को अगर आपदा राहत के रिलीफ मैनुअल में कुछ थोड़ा बहुत मिलता भी है तो वह दशकों पुरानी गणना के आधार पर मिलता है जो ऊंट के मुंह में जीरा है।
पिछले चार दशकों में कर्मचारियों अधिकारियों विधायकों की तनख्वाह कई गुना बढ़ चुकी है, अनाज का मूल्य लागत कई गुना हो चुका है परंतु नुकसान की गणना का पैमाना आज भी 40 वर्ष पुराना ही है जिस को बदलने की जरूरत है और नुकसान होने पर मुआवजा भी एक महीने के भीतर दिया जाना चाहिए ताकि किसान अपनी अगली फसल बीजने लायक तो हो जाए।
अनिंदर सिंह नॉटी,जसविंदर बिलिंग, गुरजीत नंबरदार, चरणजीत जैलदार, परमजीत बंगा, हरबंस सिंह, कमल चौधरी, अरशद अली सहित सभी किसान आंदोलनकारी।