शिलाई की जनता ने जो मांगा मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने वो दिया: बलदेव तोमर
कमरऊ पंचायत में आयोजित कार्यक्रम में कमरऊ पंचायत के 14 परिवारों ने भाजपा का दामन थामा है। इसके अलावा अन्य पंचायतों के 11 परिवार भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए। बलदेव तोमर ने सभी लोगों का भाजपा में स्वागत किया।
शिलाई विधानसभा क्षेत्र के कमरऊ पंचायत में आयोजित कार्यक्रम में शिलाई के पूर्व विधायक बलदेव तोमर ने अपने संबोधन में कहा कि हारने के बावजूद भी में शिलाई की जनता के बीच रहा तथा पुरे क्षेत्र के लिए एक विकास योजना के लिए रणनीति तैयार की और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के आशीर्वाद से पुरे क्षेत्र में चहुंमुखी विकास करवाया है। उन्होंने कहा कि पुरे क्षेत्र में कोई ऐसी पंचायत नहीं है जिसमें विकास कार्य नहीं करवाया हो। उन्होंने कहा कि कफोटा में एसडीएम कार्यालय, कमरऊ में बीडीओ कार्यालय, सीएचसी अस्पताल और सतौन में डिग्री कॉलेज, सब तहसील व आईटीआई खोलकर दी। बलदेव तोमर ने कहा कि जितना काम कांग्रेस 50 साल के राज में नहीं कर पाय इतना काम हमने पांच साल में करके दिखाया। उन्होंने कहा कि हम देवभूमि में रहते है तथा हमारे ऊपर देवी देवताओं का आशीर्वाद है साथ ही कहा कि गिरिपार क्षेत्र के लोग 55 साल से जनजातीय मुद्दे पर संघर्ष कर रहे थे और कांग्रेस के नेताओं ने इस मुद्दे पर लोगों को खाली वोटबैंक के लिए इस्तेमाल किया। लेकिन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हाटी समुदाय के लोगों को पीढ़ा को समझा तथा केंद्र सरकार ने एक ही झटके में हाटी समुदाय को जनजातीय घोषित कर क्षेत्र के लोगों को बहुत बड़ा तोहफा दिया है। बलदेव तोमर ने कहा कि शिलाई की जनता ने जो हमसे मांगा वो हमने दिया। इस लिए अब मांगने की बारी हमारी है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि 12 नवंबर को होने वाले मतदान में भाजपा के पक्ष में अधिक से अधिक मतदान करें और प्रदेश में बनने वाली भाजपा सरकार में सहयोग करें।
इस मौके पर विकासनगर के विधायक मुन्ना सिंह चौहान,देहरादून राजपुर के विधायक खजान दास, जिला परिषद सदस्य मामराज शर्मा, नेत्र चौहान, मंडल अध्यक्ष सुरत चौहान, पंचायत प्रधान मोहन ठाकुर, सतीश चौहान, महेंद्र ठाकुर, केंद्रीय हाटी समिति के महासचिव कुंदन सिंह शास्त्री, खजान सिंह नेगी, पूर्व प्रधान रजनीश चौहान, जगदीश तोमर, अतर सिंह नेगी, रणसिंह चौहान, गुमान वर्मा, मंगी राम ठाकुर, शेर सिंह ठाकुर, बहादुर सिंह आदि मौजूद थे।