हिमाचल प्रदेश के आज भी कई ग्रामीण दुर्गम इलाके सड़क सुविधा से वंचित है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगो को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही कुछ कुल्लू के मझाण गांव में हुआ जहां 75 वर्षीय बुजुर्ग नारा देवी की अचानक तबीयत बिगड़ गई। परिजनों ने पहले घरेलू उपचार से ही दर्द ठीक करने प्रयास किया, लेकिन सांस लेने में दिक्कत आने पर मरीज की हालत गंभीर हो गई। 

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की दुर्गम पंचायत गाड़ापारली के ग्रामीण सड़क सुविधा न होने के चलते मरीजों को पीठ और कुर्सी पर उठाकर मीलों सफर करने को मजबूर हैं। ऐसा ही मामला शुक्रवार को भी सामने आया है। मझाण गांव की 75 वर्षीय बुजुर्ग नारा देवी की अचानक तबीयत बिगड़ गई। परिजनों ने पहले घरेलू उपचार से ही दर्द ठीक करने प्रयास किया, लेकिन सांस लेने में दिक्कत आने पर मरीज की हालत गंभीर हो गई। इसके बाद परिजनों व ग्रामीणों ने हौसला दिखाते हुए पीठ पर ही मरीज को दस किलोमीटर दूर निहारनी तक पहुंचाया। यहां से मरीज को वाहन में सैंज अस्पताल ले गए, जहां पर उसका उपचार किया गया।

गौरतलब है कि पंचायत गाड़ापारली का एक भी गांव अभी तक सड़क सुविधा से नहीं जुड़ पाया है। मजबूरी में ग्रामीणों को मरीजों को पीठ व कुर्सी पर उठाकर ही सड़क तक लाना पड़ता है। ग्रामीण तीर्थ राम, देवराज, जगदीश, दुनीचंद, सोहन लाल, पुणे राम ने कहा कि सड़क न होने के कारण यहां के बाशिंदों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने मांग की कि पंचायत व गांव को जल्द सड़क सुविधा से जोड़ा जाए। इस संबंध में पंचायत प्रधान यमुना देवी ने कहा कि सर्दी के मौसम में ग्रामीणों को बीमारी की हालत में अधिक परेशान होना पड़ता है। सड़क न होना बड़ी समस्या है। कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन और सरकार से सड़क बनाने की मांग की है, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।

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