नाहन : श्री रेणुका जी वैटलैंड अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाए हुए है। इसको 8 नवम्बर 2005 को रामसर साइट घोषित किया गया था। वहीं पीएम नरेंद्र मोदी भी मन की बात कार्यक्रम में इसका जिक्र कर चुके हैं। यहां सालाना सैंकड़ों की संख्या में पर्यटक इसका दीदार करने पहुंचते हैं। नवम्बर माह से मार्च माह तक झील के एक छोर पर सैंकड़ों की संख्या में प्रवासी पक्षी डेरा डाले रहते हैं, जो यहां आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहते हैं। इस वर्ष यहां 400 से अधिक पक्षी अभी तक पहुंच चुके हैं।

8 प्रजातियों के पक्षी पहुंचे

वन्य प्राणी विभाग के आरओ नंद लाल ठाकुर ने बताया कि इस बार रेणुका जी वैटलैंड में 8 प्रजातियों के करीब 402 पक्षी पहुंचे हैं। इनकी सुरक्षा को लेकर विशेष इंतजाम किए जाते हैं। वन्य प्राणी विभाग द्वारा यहां वॉच टावर लगाया गया है, साथ ही यहां विभागीय कर्मी द्वारा पैट्रोलिंग भी की जाती है। विदेशी परिंदे यहां नवम्बर महीने में पहुंचते हैं और मार्च माह में वापस जाना शुरू हो जाते हैं।

वैटलैंड पर सालाना खर्च होता है लाखों का बजट

वन्य प्राणी विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय वैटलैंड के रखरखाव पर सालाना लाखों रुपए का बजट खर्च किया जाता है ताकि इस वैटलैंड की खूबसूरती को बरकरार रखा जा सके और बेहतर बनाया जा सके।

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