हिमाचल प्रदेश की सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार के दफ्तर बंद करने के एक और फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। भाजपा नेता त्रिलोक कपूर ने सरकार पर द्वेष भावना से पालमपुर में सात सरकारी दफ्तर बंद करने का आरोप लगाते हुए कोर्ट में याचिका दायर

हिमाचल प्रदेश की सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार के दफ्तर बंद करने के एक और फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। भाजपा नेता त्रिलोक कपूर ने सरकार पर द्वेष भावना से पालमपुर में सात सरकारी दफ्तर बंद करने का आरोप लगाते हुए कोर्ट में याचिका दायर की है।

न्यायाधीश सुशील कुकरेजा ने मामले की सुनवाई शीतकालीन छुट्टियों के बाद निर्धारित की है। शुक्रवार को मामले पर सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता इस तरह की याचिका दायर नहीं कर सकता है। महाधिवक्ता ने याचिका की व्यवहार्यता, स्वीकार्यता और इसके टिकाऊपन पर कड़ी आपत्ति दर्ज की। उन्होंने अदालत को बताया कि ऐसा मामला अदालत में पहले से ही लंबित है। उस मामले में भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने भी याचिकाकर्ता की तरह आरोप लगाए हैं।

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार ने लोगों की मांग पर पालमपुर में सात सरकारी दफ्तर खोले थे। इनमें उप तहसील चचेण, विकास खंड पालमपुर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कंडबाड़ी, उप स्वास्थ्य केंद्र होल्टा, आयुर्वेदिक औषधालय मतेहड़, जल शक्ति विभाग का उप खंड बनूरी और आयुर्वेदिक अस्पताल खयानपट्ट थे। सरकार ने गत 12 दिसंबर को जारी प्रशासनिक आदेशों के आधार पर इन सभी कार्यालयों को बंद कर दिया। भाजपा नेता ने आरोप लगाया है कि बिना कैबिनेट बनाए ही पूर्व कैबिनेट के फैसलों को रद्द किया गया है।

याचिका में दलील दी गई कि सरकार की ओर से जारी प्रशासनिक आदेशों से कैबिनेट के फैसले निरस्त करना गैर कानूनी है। भारतीय संविधान में भी ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। याचिकाकर्ता ने सरकार के आदेश को रद्द करने की हाईकोर्ट से गुहार लगाई है।

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