बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का तीसरा टेस्ट मैच पहली मार्च से पांच मार्च के बीच धर्मशाला में खेला जाना था लेकिन अब यह मैच इंदौर के होल्कर स्टेडियम में खेला जाएगा।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला में भारत-ऑस्ट्रेलिया का तीसरा टेस्ट मैच नहीं होगा। मैच को इंदौर शिफ्ट कर दिया गया है। स्टेडियम की आउटफील्ड तैयार नहीं हो पाने के कारण यह फैसला लिया गया है। भारत और ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीमों के बीच 4 टेस्ट मैचों की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज 9 फरवरी से शुरू हो चुकी है। इस सीरिज का तीसरा टेस्ट मैच पहली मार्च से पांच मार्च के बीच धर्मशाला में खेला जाना था लेकिन अब यह मैच इंदौर के होल्कर स्टेडियम में खेला जाएगा।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला के मैदान में ड्रेनेज के लिए सब एयर सिस्टम लगाने और मैदान की आउटफील्ड तैयार होने के बाद दिसंबर के अंत में इंग्लैंड से मंगवाई राई घास का बीज डाला गया था। मैदान के कुछ हिस्से में घास तो अच्छी तरह उग गई पर कुछ जगह बीज अंकुरित नहीं हुआ था।

इसके बाद मैदान की आउटफील्ड तैयार कर रही कंपनी ने मैदान में कई जगह पर दोबारा घास का बीज डाला था, लेकिन मैदान के 30 यार्ड एरिया में कई जगह घास ठीक तरह से नहीं उगी। जानकारों की मानें तो मैच के दौरान दूसरे दिन ही 30 यार्ड एरिया उखड़ने की संभावना बन जाती है। वहीं बीसीसीआई के मुख्य पिच क्यूरेटर अशीष भौमिक ने तीन फरवरी को धर्मशाला स्टेडियम का निरीक्षण किया था।

इस दौरान उन्होंने मैदान की आउटफील्ड के बारे में अगले दिन बीसीसीआई को रिपोर्ट सौंपी थी। इसके बाद 11 फरवरी को बीसीसीआई के सेंट्रल जोन के मुख्य पिच क्यूरेटर तपस चटर्जी ने स्टेडियम को दौरा कर नई तैयार की आउटफील्ड का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की थी। इस दौरान उन्होंने ने भी 30 यार्ड एरिया में कम घास को लेकर चिंता जताई थी।

कब शुरू हुआ था स्टेडियम का काम

धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम में 16 मई 2022 को पुरानी आउटफील्ड को उखाड़कर नई आउटफील्ड बनाने का शुरू हुआ था। अभी आधा आउटफील्ड उखाड़ने का काम ही हुआ था कि प्रधानमंत्री की देश के राज्य के मुख्य सचिवों के साथ दो दिवसीय बैठक के चलते जून में 15 दिन स्टेडियम में काम बंद रहा था।

वहीं बाद में जुलाई में बरसात शुरू होने के चलते दो माह काम फिर रुक गया था। वहीं ड्रेनेज सिस्टम लगाने और आउटफील्ड में रेत डालने के बाद दिसंबर में चौथे सप्ताह में घास का बीज डाला गया था, लेकिन अभी तक करीब दो माह होने के बाद भी कई जगह घास ठीक तरह से नहीं उगी है।

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