होली को देखते हुए जिला में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं ने कुछ खास किस्म के रंग तैयार किए है। जिन्हें नाहन में स्टाल लगाकर बेचा जा रहा है

होली को देखते हुए जिला में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं ने कुछ खास किस्म के रंग तैयार किए है। जिन्हें नाहन में स्टाल लगाकर बेचा जा रहा है। खास बात यह भी है कि इन रंगों में किसी किस्म के केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया गया है था लिहाजा या किसी भी तरीके से आपके लिए खतरनाक नहीं है।

नाहन में इन महिलाओं द्वारा सोशल वेलफेयर सोसाइटी फॉर वूमेन के बैनर तले महिलाओं द्वारा तैयार किए गए हर्बल कलर बेचे जा रहे हैं स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं द्वारा इन रंगों को तैयार किया गया है।

रंगो के अलावा महिलाओं द्वारा तैयार विभिन्न प्रकार के अन्य उत्पाद भी प्रदर्शित किए गए है। महिलाओं ने बताया कि उन्होंने खुद यह प्राकृतिक रंग तैयार किए है जिसके इस्तेमाल से त्वचा को किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। यह रंग प्राकृतिक पदार्थ जैसे आरारोट, मैदा, मक्की के आटे से बनाए गए हैं और इनमें केमिकल का प्रयोग नहीं हुआ है।

महिलाओं ने बताया कि वह कई प्रकार के उत्पाद तैयार करती है मगर उन्हें बेचने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। क्योंकि उनके पास कोई ऐसा स्थान नहीं है ऐसे में महिलाओं की प्रशासन से मांग है कि उन्हें इन उत्पादों को बेचने के लिए कोई स्थान उपलब्ध करवाया जाए।सोशल वेलफेयर सोसाइटी फॉर वूमेन की प्रदेश उपाध्यक्ष साधना वर्मा ने बताया कि सोसाइटी पूरे प्रदेश में महिलाओं के हितों के लिए काम कर रही है और कई महिलाएं उनकी सोसाइटी से जुड़ी हुई है।

उन्होंने कहा कि उनके समूह से जुड़ी महिलाओं द्वारा विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार किए जाते हैं जिनकी खास खूब डिमांड रहती है। उन्होंने कहा कि सोसाइटी की हमेशा कोशिश रहती है कि इन महिलाओं के लिए मार्केटिंग की कोई व्यवस्था की जाए ताकि इन्हें अच्छे दाम इन उत्पादों के मिल सके।

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