सुक्खू सरकार ने पहली से आठवीं कक्षा तक विद्यार्थियों को ही वर्दी देने का फैसला लिया है। इन विद्यार्थियों को वर्दी देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से वित्तीय सहायता दी जाती है।

हिमाचल प्रदेश के करीब पांच लाख विद्यार्थियों को अब निशुल्क स्मार्ट वर्दी नहीं मिलेगी। आर्थिक तंगी से गुजर रही सुक्खू सरकार ने सामान्य श्रेणी के पहली से बारहवीं कक्षा के लड़कों और नौवीं से बारहवीं कक्षा की लड़कियों को निशुल्क वर्दी योजना के दायरे से बाहर कर दिया है। पहले 8.50 लाख विद्यार्थियों को वर्दी मिलती थी।

अब इस योजना को 3.70 लाख विद्यार्थियों तक ही सीमित कर दिया गया है। सुक्खू सरकार ने पहली से आठवीं कक्षा तक विद्यार्थियों को ही वर्दी देने का फैसला लिया है। इन विद्यार्थियों को वर्दी देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से वित्तीय सहायता दी जाती है। नई व्यवस्था परिवर्तन के तहत अब पहली से आठवीं कक्षा की सभी बेटियों और एससी, एसटी व बीपीएल परिवारों के लड़कों को ही निशुल्क वर्दी दी जाएगी।

इन 3.70 लाख छात्र-छात्राओं को अब कपड़ों के सेट की जगह डीबीटी के माध्यम से बैंक खातों में 600-600 रुपये दिए जाएंगे। पहले पहली से बारहवीं कक्षा के साढ़े आठ लाख विद्यार्थियों को वर्दी के दो-दो सेट और सिलाई के 200-200 रुपये दिए जाते थे। राज्य सरकार ने पहली से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली सभी लड़कियों तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और बीपीएल परिवारों के लड़कों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से 600 रुपये प्रति विद्यार्थी राशि हस्तांतरित करने को स्वीकृति दी।

यह राशि स्कूल की वर्दी के लिए इन विद्यार्थियों अथवा उनकी माता के नाम हस्तांतरित की जाएगी। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि नए वित्तीय वर्ष से पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को ही निशुल्क स्मार्ट वर्दी दी जाएगी।

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