
एक महीने पहले इनपुट मिला था कि पीर पंजाल में दो आतंकी छुपे हुए हैं। इसके बावजूद एजेंसियां आतंकियों को ढूंढ नहीं पाईं और हमला हो गया। राजोरी के दरहाल में सेना के कैंप पर फिदायीन हमला सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की नाकामी माना जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार, चार जुलाई को रियासी में स्थानीय लोगों ने दो आतंकियों को राजोरी के तालिब हुसैन और पुलवामा के फैजल अहमद डार को पकड़ा था। इन आतंकियों से पूछताछ के बाद पुलिस को पता चला कि इनके साथ और भी आतंकी हैं। इसके बाद पुलिस ने राजोरी से दो और जम्मू से तीन आतंकी गिरफ्तार किए थे। उस समय एडीजीपी मुकेश सिंह ने बताया था कि आतंकी तालिब ने खुलासा किया कि दो आतंकी राजोरी-पुंछ के पीर पंजाल क्षेत्र में मौजूद हैं। इन आतंकियों को यही लोग कश्मीर से लाए थे और अपने घरों में पनाह भी देते थे। पिछले एक महीने से पुलिस को इसकी जानकारी थी। सभी खुफिया एजेंसियों के पास भी यह इनपुट था। राजोरी और पुंछ जैसे जिलों में सेना, इंटेलिजेंस ब्यूरो, एमआई, पुलिस के सीआईडी, सीआई जैसी खुफिया एजेंसियों के कई अफसर और कर्मी तैनात हैं। इसके बावजूद दो आतंकियों का पता नहीं लगाया जा सका और स्वतंत्रता दिवस से पहले आतंकियों ने फिदायीन हमला कर दिया।